गाजा में इजरायल का ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II: हमास का सफाया?

by Lucia Rojas 58 views

गाजा पट्टी में जारी संघर्ष के बीच, इजरायल ने हमास के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई को और तेज करने का फैसला किया है। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना और हमास के लड़ाकों को पूरी तरह से खत्म करना है। इस लेख में, हम इस ऑपरेशन के उद्देश्यों, रणनीतियों और संभावित परिणामों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II: इजरायल का अंतिम लक्ष्य

ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II, इजरायल की ओर से गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ छेड़े गए सैन्य अभियानों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य गाजा पट्टी पर इजरायली सेना का पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना है, ताकि हमास को यहां से पूरी तरह से खदेड़ा जा सके। इजरायल का यह कदम 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा किए गए हमलों के जवाब में उठाया गया है, जिसमें इजरायल को भारी जान-माल का नुकसान हुआ था। इजरायल का मानना है कि हमास को गाजा पट्टी से खदेड़ने के बाद ही वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

इस ऑपरेशन के तहत, इजरायली सेना गाजा पट्टी में जमीनी हमले और हवाई हमलों का सहारा ले रही है। जमीनी हमलों में, इजरायली सैनिक गाजा के शहरों और कस्बों में प्रवेश कर रहे हैं और हमास के ठिकानों को नष्ट कर रहे हैं। वहीं, हवाई हमलों में, इजरायली लड़ाकू विमान हमास के रॉकेट लॉन्चिंग साइटों, हथियारों के डिपो और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। इजरायल ने गाजा के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है, ताकि वे सैन्य अभियानों के दौरान हताहत न हों। हालांकि, गाजा में मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, क्योंकि वहां भोजन, पानी और दवाओं की भारी कमी हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इजरायल से गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील कर रहा है।

ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II के माध्यम से, इजरायल हमास के सैन्य ढांचे को नष्ट करने और गाजा पट्टी में हमास के शासन को समाप्त करने का प्रयास कर रहा है। इजरायल का यह भी लक्ष्य है कि भविष्य में गाजा पट्टी से इजरायल पर किसी भी तरह के हमले को रोका जा सके। इस ऑपरेशन में, इजरायल की सेना रिजर्व सैनिकों की भी मदद ले रही है, जिन्हें विशेष रूप से शहरी युद्ध और सुरंगों में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

हमास का सफाया: इजरायल की रणनीति

इजरायल ने हमास का सफाया करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनाई है। इस रणनीति के तहत, इजरायल गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर लगातार हवाई हमले कर रहा है, जिससे हमास की सैन्य क्षमता को कमजोर किया जा सके। इसके साथ ही, इजरायली सेना गाजा में जमीनी हमले भी कर रही है, ताकि हमास के लड़ाकों को सीधे तौर पर निशाना बनाया जा सके। इजरायल ने गाजा के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा भी बना दिया है, ताकि हमास के लड़ाके और हथियार गाजा में प्रवेश न कर सकें।

इजरायल की रणनीति में खुफिया जानकारी का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इजरायली खुफिया एजेंसियां हमास के ठिकानों, सुरंगों और लड़ाकों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं, जिसका इस्तेमाल सैन्य अभियानों में किया जा रहा है। इजरायल ने गाजा में संचार नेटवर्क को भी बाधित कर दिया है, ताकि हमास के लड़ाके आपस में संपर्क न कर सकें। इसके अलावा, इजरायल ने गाजा के नागरिकों से भी हमास के बारे में जानकारी देने की अपील की है।

इजरायल की रणनीति में अंतर्राष्ट्रीय समर्थन भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। इजरायल ने संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से हमास के खिलाफ अपने अभियान में समर्थन मांगा है। इजरायल का तर्क है कि हमास एक आतंकवादी संगठन है और इसे खत्म करना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हित में है। हालांकि, इजरायल को गाजा में अपने सैन्य अभियानों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है, खासकर नागरिकों की मौत और मानवीय संकट को लेकर।

रिजर्व सैनिकों की भूमिका

ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II में इजरायली सेना रिजर्व सैनिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। रिजर्व सैनिक वे नागरिक होते हैं जिन्होंने इजरायली सेना में अपनी अनिवार्य सैन्य सेवा पूरी कर ली है, लेकिन वे आवश्यकता पड़ने पर फिर से सेना में शामिल हो सकते हैं। इजरायल के पास एक बड़ी संख्या में रिजर्व सैनिक हैं, जो देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

गाजा में चल रहे सैन्य अभियान में, रिजर्व सैनिकों को शहरी युद्ध और सुरंगों में लड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। गाजा पट्टी में हमास ने सुरंगों का एक विस्तृत नेटवर्क बना रखा है, जिसका इस्तेमाल वह इजरायली सेना पर हमला करने और हथियारों को छुपाने के लिए करता है। इजरायली रिजर्व सैनिक इन सुरंगों में प्रवेश करके हमास के लड़ाकों को निशाना बना रहे हैं। इसके अलावा, रिजर्व सैनिक गाजा के शहरों और कस्बों में भी गश्त कर रहे हैं, ताकि हमास के लड़ाकों को ढूंढा जा सके।

इजरायली सेना में रिजर्व सैनिकों की भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे नियमित सैनिकों की तुलना में अधिक अनुभवी होते हैं। रिजर्व सैनिकों ने अपनी सैन्य सेवा के दौरान कई तरह के अभियानों में भाग लिया होता है, जिससे उन्हें युद्ध की परिस्थितियों का अच्छा अनुभव होता है। इसके अलावा, रिजर्व सैनिकों को स्थानीय भाषा और संस्कृति की भी अच्छी जानकारी होती है, जो गाजा जैसे इलाके में सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है।

गाजा पर कब्जे की तैयारी

इजरायल ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II के तहत गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। इजरायली सेना गाजा के शहरों और कस्बों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है और हमास के ठिकानों को नष्ट कर रही है। इजरायल का लक्ष्य है कि गाजा पट्टी में एक ऐसी स्थिति पैदा की जाए, जहां हमास फिर से संगठित न हो सके और इजरायल पर हमला न कर सके।

गाजा पर कब्जे की तैयारी के तहत, इजरायल गाजा में एक बफर जोन बनाने की भी योजना बना रहा है। यह बफर जोन गाजा और इजरायल के बीच एक सुरक्षित क्षेत्र होगा, जहां किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि की अनुमति नहीं होगी। इजरायल का मानना है कि बफर जोन गाजा से इजरायल पर होने वाले हमलों को रोकने में मदद करेगा। हालांकि, बफर जोन बनाने की योजना की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आलोचना की है, क्योंकि इससे गाजा के नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित हो जाएगी।

गाजा पर कब्जे के बाद, इजरायल को गाजा के पुनर्निर्माण और पुनर्वास की भी जिम्मेदारी लेनी होगी। गाजा पट्टी में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है और वहां के नागरिकों को भोजन, पानी और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इजरायल को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर गाजा के पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए काम करना होगा।

संभावित परिणाम और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II के कई संभावित परिणाम हो सकते हैं। एक संभावना यह है कि इजरायल गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने और हमास को पूरी तरह से खत्म करने में सफल हो जाए। इससे इजरायल को अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और गाजा से इजरायल पर होने वाले हमलों को रोका जा सकेगा। हालांकि, इस परिणाम की कीमत बहुत अधिक हो सकती है, क्योंकि गाजा में भारी संख्या में नागरिक हताहत हो सकते हैं और मानवीय संकट गहरा सकता है।

एक और संभावना यह है कि इजरायल हमास को पूरी तरह से खत्म करने में विफल रहे और गाजा में एक लंबी और खूनी लड़ाई जारी रहे। इससे इजरायल को भारी सैन्य और आर्थिक नुकसान हो सकता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ उसके संबंध खराब हो सकते हैं। इसके अलावा, गाजा में एक लंबी लड़ाई से क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है और अन्य देशों को इस संघर्ष में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इजरायल और हमास दोनों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने और संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू करने का आह्वान किया है। हालांकि, इजरायल और हमास के बीच गंभीर अविश्वास और शत्रुता को देखते हुए, निकट भविष्य में शांति की संभावना कम ही दिखाई दे रही है।

ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II इजरायल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस ऑपरेशन के परिणाम न केवल इजरायल और फिलिस्तीन के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए दूरगामी होंगे। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस संघर्ष को समाप्त करने और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम करना होगा।

दोस्तों, गाजा पर जारी संघर्ष और इजरायल के ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II के बारे में यह थी जानकारी। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। अपनी राय और विचार कमेंट में जरूर बताएं।